ABVP की तीन दिवसीय प्रदेश समीक्षा योजना बैठक बोधगया में सम्पन्न, संगठनात्मक मजबूती और आगामी आंदोलनों की रूपरेखा पर हुआ मंथन


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तीन दिवसीय प्रदेश समीक्षा योजना बैठक का समापन बुधवार को बोधगया में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारियों, विभाग संयोजकों, नगर इकाइयों के प्रतिनिधियों तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य प्रदेश भर में संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा करना, आगामी शैक्षिक और सामाजिक आंदोलनों की योजना बनाना तथा भावी कार्यनीति को अंतिम रूप देना था।

बैठक के दौरान विभिन्न सत्रों में संगठन की मजबूती, कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण, छात्र समस्याओं, शैक्षणिक वातावरण में गिरावट, रोजगारोन्मुख शिक्षा की मांग, विश्वविद्यालयों में सीट कटौती और शुल्क वृद्धि जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही, एबीवीपी द्वारा संचालित विभिन्न राष्ट्र निर्माण अभियानों की प्रगति की समीक्षा भी की गई।

इस अवसर पर प्रदेश मंत्री श्री सुमित कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विद्यार्थी परिषद प्रदेश भर में ‘आपातकाल विरोध यात्रा’ का आयोजन करेगी। इस यात्रा के माध्यम से हम न केवल तत्कालीन सरकार की अलोकतांत्रिक बर्बरता को उजागर करेंगे, बल्कि जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले जन आंदोलन और उस समय के छात्र स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान भी प्रदान करेंगे। यह यात्रा छात्रों को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति प्रेरित करेगी।”

उन्होंने कहा कि एबीवीपी आने वाले समय में विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा के लिए सशक्त आंदोलन करेगी। “छात्रों की समस्याओं को लेकर हम राज्य सरकारों और कुलपतियों तक अपनी बात मजबूती से पहुंचाएंगे। चाहे वह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हो, परीक्षाओं में अनियमितता या रोजगार से जुड़ी चिंताएं—एबीवीपी छात्रों के हित में हर मोर्चे पर खड़ी रहेगी,” उन्होंने कहा।

इसके साथ ही, प्रदेश में लगातार बढ़ती गर्मी को देखते हुए संगठन ने ‘सकोरा अभियान’ की शुरुआत करने की घोषणा की। यह अभियान ‘स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट’ नामक मंच के माध्यम से संचालित किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत एबीवीपी कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में पक्षियों के लिए मिट्टी के पात्र (सकोरे) में पानी और दाना रखवाने का कार्य करेंगे। यह एक अनूठी पहल है जो न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में है, बल्कि युवाओं में संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व का भाव भी जागृत करती है।

बैठक के समापन सत्र में व्यवस्था प्रमुख अमन शेखर ने सभी आगंतुकों, कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “इस बैठक की सफलता हम सभी के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। यह परिषद की कार्यसंस्कृति और समर्पित कार्यकर्ताओं का प्रमाण है कि हम इतने सुव्यवस्थित ढंग से एक बड़ी योजना बैठक का आयोजन कर पाए। यहाँ हुई चर्चाएं न केवल आने वाले कार्यक्रमों की दिशा तय करेंगी, बल्कि कार्यकर्ताओं में नया उत्साह और ऊर्जा भी भरेंगी।”

तीन दिनों तक चली इस समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए, स्थानीय मुद्दों पर प्रकाश डाला और संगठन के विस्तार के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए। सभी सत्रों में सामूहिक निर्णय की भावना और विचार-विमर्श का स्तर सराहनीय रहा।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जो वर्षों से देशभर में छात्र हितों की रक्षा के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के कार्य में अग्रणी भूमिका निभाती रही है, इस बैठक के माध्यम से एक बार फिर यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह केवल एक छात्र संगठन नहीं, बल्कि एक विचारधारा और परिवर्तन का प्रतीक है। इस समीक्षा योजना बैठक के निर्णयों का प्रभाव आगामी महीनों में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों में दिखाई देगा।

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