श्री शिक्षा निकेतन स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने बनाये एक से बढ़कर एक मॉडल, अभिभावक भी हो गए देखकर हस्तप्रभ

पानी शुद्धिकरण, बिजली उत्पादन, सूर्य ग्रहण के साथ चंद्रयान-3 को भी बच्चों ने उड़ा कर दिखाया

बच्चों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाना हम सब की नैतिक जिम्मेवारी है: डॉ धीरज

इस तरह के आयोजनों से बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा निखर कर बाहर आती है : प्राचार्य

गया। शहर की नैली रोड खटकाचक स्थित श्री शिक्षा निकेतन स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षा फल के वितरण के साथ विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कक्षा प्रथम से 5 के बच्चों ने विज्ञान प्रदर्शनी लगाकर अपने द्वारा बनाए गए मॉडल का प्रदर्शित किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे गया कॉलेज शिक्षा शास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ धनंजय धीरज एवं वरिष्ठ पत्रकार श्याम भंडारी ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर बच्चों की

हौसलाअफजाई की। सबसे पहले आगत अतिथियों को विद्यालय के बच्चियों ने तिलक लगाकर एवं आरती कर स्वागत किया। इसके पश्चात प्राचार्य पूनम सिन्हा ने आगत अतिथियों अंगवस्त्र एवं तुलसी का पौधा देकर अभिनंदन किया। इस विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने जहाँ वाटर प्यूरीफायर, विंडमिल से बिजली उत्पादन, चन्द्रयान-3, सोलर एनर्जी सिस्टम के साथ सूर्य ग्रहण कैसे लगता है, हाइड्रोलिक कंप्रेशर, वाटर बोट आदि का मॉडल बनाया। आगत अतिथियों इसे देखकर बच्चों की प्रशंसा की। आगत अतिथियों के साथ प्राचार्य श्रीमति सिन्हा ने विज्ञान प्रदर्शनी में भाग लेने वाले बच्चों को मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर उनका हौसला बढ़ाया।


इस मौके पर विभागअध्यक्ष शिक्षाशास्त्र विभाग डॉ धनंजय धीरज ने कहा कि बच्चों के अंदर असीम संभावनाएं हैं।आवश्यकता इस बात की है कि अभिभावक और शिक्षक उनके अंदर छुपी हुई प्रतिभा को पहचाने एवं उसे सही दिशा निर्देश करने का प्रयास करें। बच्चों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाना हम सब की नैतिक जिम्मेवारी है। विद्यार्थी यदि मोबाइल का उपयोग करते हैं तो उसका प्रयोग धनात्मक रूप से ज्ञान अर्जन एवं मनोरंजन के लिए होना चाहिए और विद्यालयि बालकों को सदैव अभिभावकों की उपस्थिति में ही मोबाइल का प्रयोग करना चाहिए। डॉ धीरज ने कहा कि आज बच्चों की दुनिया ही मोबाइल तक सिमट कर रह गई है और बच्चे आउटडोर गेम्स में बिल्कुल रुचि नहीं लेते हैं। मोबाइल और वीडियो गेम्स के प्रति उनके उनका बढ़ता हुआ झुकाव कई मानसिक बीमारियों एवं अवसाद को भी जन्म दे रहा है। विद्यार्थियों को इससे बचने एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद और व्यायाम करने के लिए भी प्रेरित करने की आवश्यकता है। तभी वह एक अच्छा मानसिक स्वास्थ्य बरकरार रख सकते हैं। वही वरिष्ठ पत्रकार श्याम भंडारी ने कहा कि विद्यार्थियों के बीच इस तरह के विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन से विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ती है और सिद्धांत एवं व्यवहार के बीच बच्चों को समन्वय स्थापित करने में सहायता होती है। अंत मे सबों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्राचार्य श्रीमति सिन्हा ने कहा कि विद्यालय में आये दोनों अतिथियों का हार्दिक अभिनंदन करती हूँ कि हमारे आग्रह पर अपना मूल्यवान समय हमारे बच्चों के लिये निकाला। इनका हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। श्रीमति सिन्हा ने आगे कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा निखर कर बाहर आती है। खेल खेल में विज्ञान की बारीकियों एवं उनके उपयोग की जानकारी प्राप्त करते हैं। साथ ही बिज्ञान के अलावे जेनरल नॉलेज भी जानकारी प्राप्त होती है जैसे इस चीज का अविष्कार कब हुआ, किसने किया आदि।


पूरा आयोजन प्राचार्य पूनम सिन्हा के दिशा निर्देशन एवं उपप्राचार्य रूपा गुप्ता एवं शिक्षिका प्रकृति कुमारी के देख रेख में सम्पन्न हुआ।

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