हनुमान जयंती:- पवन पुत्र हनुमान जी का जन्म संकटों का नाश करने और धर्म की रक्षा हेतु हुआ था:-डॉ मनीष पंकज मिश्रा।

हनुमान जयंती के पावन अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने श्रद्धा भाव से श्री हनुमान जी को नमन करते हुए कहा कि वे शक्ति, भक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें निःस्वार्थ सेवा, समर्पण और अडिग विश्वास की प्रेरणा देता है।हनुमान जी का जन्म संकटों का नाश करने और धर्म की रक्षा हेतु हुआ था। वे भगवान शिव के रुद्रावतार माने जाते हैं। बाल्यकाल से ही उनमें अपार बल, बुद्धि और विद्या का समावेश था।

श्रीराम के प्रति उनकी अटूट भक्ति और समर्पण ने उन्हें रामकथा का अमर नायक बना दिया। जब माता सीता लंका में थीं, तब उन्हें ढूंढने से लेकर संजीवनी बूटी लाने तक, हर कार्य में उनकी वीरता और सूझबूझ देखने योग्य थी।डॉ. मिश्रा ने कहा कि हनुमान जी का चरित्र केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रेरणादायक है। आज के समय में जब समाज में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है, तब हनुमान जी जैसे आदर्शों का अनुसरण अत्यंत आवश्यक हो जाता है। उनका जीवन सच्ची सेवा, कर्तव्य और परिश्रम का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी संकटमोचन हैं – वे हर संकट से मुक्ति दिलाते हैं। उनका स्मरण ही मन में शक्ति, साहस और आत्मबल का संचार करता है। हमें चाहिए कि हम भी अपने जीवन में उनके गुणों को अपनाएं और समाज तथा राष्ट्र सेवा में योगदान दें।कार्यक्रम के अंत में भजन, आरती और प्रसाद वितरण के साथ आयोजन संपन्न हुआ। आज के कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किया

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