शहर के प्रसिद्ध सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अर्श एवं शिक्षाशास्त्र विभाग गया कॉलेज गया के बीच प्राचार्य डॉ सतीश सिंह चन्द्र के दिशा निर्देश पर एक एमओयू हस्ताक्षरित हुआ है। अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर नवनीत निश्चल ने कहा कि इस एमओयू का मूल उद्देश्य शिक्षा एवं चिकित्सा के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचना है। शिक्षा शास्त्र विभाग के सहयोग से अर्श हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में गया कॉलेज गया परिसर में भविष्य में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिससे वहां के विद्यार्थियों कर्मचारीयों एवं शिक्षकों को भी निशुल्क चिकित्सा का लाभ मिल सकेगा। शिक्षाशास्त्र विभाग के इस पहल की मैं सराहना करता हूं और डॉक्टर धीरज इसके लिए बधाई के पात्र हैं। जिन्होंने इस एमओयू के लिए अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को मौका दिया है। चिकित्सा की हर विधा में अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सुविधा उपलब्ध है एवं गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा प्रदान करना ही अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का एकमात्र उद्देश्य है। अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर कविता निश्चल ने कहा कि गया कॉलेज गया शिक्षाशास्त्र विभाग के साथ एमओयू को लेकर अर्श सुपर स्पेशलिटी परिवार काफी उत्साहित है और भविष्य में परस्पर सहयोग के माध्यम से हम चिकित्सा के प्रकाश को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति वंचित वर्ग और जरूरतमंद लोगों के बीच लेकर जाएंगे। निकट भविष्य में अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से शिक्षा शास्त्र विभाग में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें उन्हें आकस्मिक रूप से किसी भी व्यक्ति के हृदय गति रुकने पर एवं प्रारंभिक उपचार से संबंधित विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। डॉक्टर धनंजय धीरज अध्यक्ष शिक्षाशास्त्र विभाग ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा हस्ताक्षरित प्रथम एमओयू है। आज का दिन शिक्षाशास्त्र विभाग के लिए ऐतिहासिक दिवस है डॉक्टर नवनीत निश्चल एवं डॉक्टर कविता निश्चल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अर्श सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के माध्यम से शिक्षा शास्त्र विभाग में अध्यनरत विद्यार्थी कर्मचारी एवं शिक्षकों को आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सा सुविधा में रियायत एवं प्राथमिकता दी जाएगी। इसका उद्देश्य है की अस्पताल के कर्मियों एवं शिक्षाशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों के सहयोग से चिकित्सीय जागरूकता के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचना है। डॉ धीरज ने कहा कि संस्थागत विस्तार आज वैश्विक मांग है एवं चिकित्सीय चुनौतीयां वैश्विक चुनौती है और इस दिशा में यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा। ज्ञात हो की इस साझा करार के तहत निकट भविष्य में जल्दी ही गया कॉलेज गया में छात्रों में चिकित्सीय जागरूकता को बढ़ाने के लिए फर्स्ट एड एवं सीपीआर की जानकारी बच्चों के बीच साझा की जाएगी ताकि आकस्मिक परिस्थितियों में वह किसी भी व्यक्ति की जान माल की रक्षा कर सकें। मौके पर शिक्षा विभाग की ओर से सहायक प्राध्यापक डॉक्टर सदरे आलम एवं डॉ अभिषेक कुमार उपस्थित थे।