भारत माता की आजादी की लड़ाई में अपने प्राण की आहुति देने वाले भारत माता के वीर सपूत महान स्वतंत्रता सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान और रोशन सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे अद्वितीय नायक हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इन तीनों शहीदों का बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। आज बलिदान दिवस के अवसरपर,
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष पंकज मिश्रा ने इन महान क्रांतिकारियों के बलिदान पर चर्चा करते हुए कहा कि रामप्रसाद बिस्मिल, जो काकोरी कांड के मुख्य योजनाकार थे, ने देश की आजादी के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने न केवल एक क्रांतिकारी आंदोलन का नेतृत्व किया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। अशफाक उल्ला खान, उनकी प्रेरणादायक मित्रता और भाईचारे का प्रतीक हैं। हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए उन्होंने साबित किया कि देश की सेवा के लिए धर्म, जाति और भाषा के बंधन कोई मायने नहीं रखते।रोशन सिंह, जो अन्याय और दमन के खिलाफ खड़े हुए, ने यह संदेश दिया कि स्वतंत्रता के लिए हर संघर्ष न्यायोचित है। उन्होंने अपने बलिदान से यह साबित किया कि न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। इस बलिदान दिवस पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता ने कहा कि इन वीर शहीदों का बलिदान हमें प्रेरित करता है कि स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। इन शहीदों की कुर्बानी आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके आदर्श हमें सिखाते हैं कि न्याय, समानता और मानवाधिकारों के लिए हर संघर्ष सार्थक है।इन वीर नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके सिद्धांतों का अनुसरण करें और देश को उनके सपनों के अनुरूप बनाएं। आज के ही दिन 19 दिसंबर 1927 को फांसी की सजा दी गई थी आज उन्हें नमन करते हैं नमन करने वालों में भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अधिवक्ता राणा रणजीत सिंह संतोष ठाकुर अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सहलाल सिद्धिकी उर्फ़ लालबाबू अधिवक्ता नागेंद्र प्रसाद शर्मा अधिवक्ता महेश यादव मंटू कुमार बबलू गुप्ता आदि
महान स्वतंत्रता सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल्ल और अशफाक उल्ला खान और रोशन सिंह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में है अंकित, भाजपा नेता मनीष पंकज मिश्रा ने महान क्रांतिकारियों के बलिदान पर किया चर्चा।
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