राज्य सरकार की नीति के तहत बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने से अनेको फायदे हैं।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर आपके लिए ही है फायदेमंद, जानें कैसे मिलेगा लाभ:-
बिजली उपयोग के क्षेत्र में ग्राहकों को पूरा अधिकार देने के उद्देश्य लाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर आप सभी के लिए बेहद फायदेमंद है। यह देखने में भले ही पुराने मीटर की तरह लगता हो, लेकिन इसकी तकनीकी विशेषता आपको बिजली अपने हिसाब से उपयोग करने की आजादी देता है। बिहार सरकार ने घर-घर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का निर्णय आपके हितों को ध्यान में रखकर ही लिया है। क्योंकि, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित जनता दरबार में अधिकांश शिकायतें ज्यादा और गलत बिजली बिल के ही आते थे। इसी के निवारण हेतु राज्य सराकर द्वारा निर्णय लिया गया कि क्यों न स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगावाया जाए, ताकि मीटर रीडिंग में होने वाली मानवीय भूल से बिजली उपभोक्ताओं को छुटकारा मिल जाए।
स्मार्ट मीटर की खासियत राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिल्कुल निःशुल्क लगाया जा रहा है। बैलेंस शून्य अथवा नेगेटिव होने पर उपभोक्ता को एसएमएस के माध्यम से रिचार्ज करने हेतु जानकारी दी जाती है। उपभोक्ताओं द्वारा रिचार्ज नहीं करने पर, वे दो दिनों तक बिजली का उपभोग कर सकते हैं। इसके बाद भी रिचार्ज नहीं करने पर तीसरे दिन केवल कार्य दिवस को सुबह के 10 बजे से दिन के 1 बजे के बीच ही बिजली स्वतः कट जाती है। रिचार्ज होने के बाद बिजली स्वतः चालू हो जाती है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित छुट्टी एवं रविवार के दिन बिजली नहीं काटी जाती है। रात में भी कंपनी द्वारा बिजली नहीं काटी जाती है।
आप अपने बिजली खपत की तुलना कर बिजली और पैसे दोनों की बचत कर सकते हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर एवं नॉर्मल मीटर का टैरिफ एक समान व प्रीपेड उपभोक्ता को ऑनलाइन रिचार्ज करने पर 3% की अतिरिक छूट मिलती है। यही नहीं एकमुश्त 6 या उससे ज्यादा महीने के लिए रिचार्ज पर ब्याज मिलने की सुविधा भी है। यह ब्याज 2 हजार रुपये या उससे ज्यादा की राशि से रिचार्ज करने पर मिलेगा। प्रत्येक दिन के बिजली खपत के आधार पर प्रीपेड राशि से कटौती राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के समायोजन के साथ की जाती है। बिहार ऊर्जा स्मार्ट मीटर ऐप के माध्यम से दैनिक, साप्ताहिक व मासिक बिजली खपत देखने की सुविधा भी है। उपभोक्ता अपने जरूरत के अनुसार किसी भी न्यूनतम राशि से मीटर रिचार्ज कर सकतते हैं। बिल जमा करने हेतु बिजली कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं।
पुराने मीटर से अलग है स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर भले ही देखने में आपको पुराने मीटर की तरह दिखता है, लेकिन यह बिल्कुल अलग है। पुराने मीटर में मीटर रीडिंग सिर्फ बिजली विभाग के पास जाती है। लेकिन स्मार्ट मीटर में बिजली खपत की जानकारी विभाग के साथ उपभोक्ता के पास भी आती है। जिसे ऐप के जरिए देखा जा सकता है।
पुराने मीटर में रीडिंग गलत होने की संभावना रहती है, जिसकी वजह से ज्यादा बिजली बिल आने की शिकायतें आती रहती है और उपभोक्ता परेशान होते हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर में गलत रीडिंग की संभावना नहीं रहती है। उपभोक्ता जितनी बिजली का उपयोग करता है, उतनी ही राशि का रिचार्ज करवाना होता है।
पुराने बिल को जमा करने के लिए आपको बिजली दफ्तर जाना होता है या ऑनलाइन भुगतान करते हैं तो आपको किसी तरह की छूट नहीं मिलती है। लेकिन स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करने पर आपको 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है।
स्मार्ट मीटर में एक मॉडम लगा होता है, जिसके माध्यम से बिज़ली खपत की रियल टाइम जानकारी सर्वर में जाती रहती है और उपभोक्ता भी इसे रियल टाइम में देख सकते हैंI *स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे*
- स्मार्ट प्रीपेड मीटर एवं नॉर्मल मीटर का टैरिफ एक समान व प्रीपेड उपभोक्ता को ऑनलाइन रिचार्ज करने पर मिलती है 3% की अतिरिक छूट।
- एकमुश्त 6 या उससे ज्यादा महीने के लिए रिचार्ज पर ब्याज मिलने की सुविधा। यह ब्याज 2 हजार रुपये या उससे ज्यादा की राशि से रिचार्ज करने पर मिलेगा।
- प्रत्येक दिन के बिजली खपत के आधार पर प्रीपेड राशि से कटौती राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के समायोजन के साथ की जाती है।
- ऐप के माध्यम से दैनिक, साप्ताहिक व मासिक बिजली खपत देखने की सुविधा भी है। जिससे बेवजह बिजली बर्बाद नही हो सकेगा।
- उपभोक्ता अपने जरूरत के अनुसार किसी भी न्यूनतम राशि से कर सकते हैं मीटर रिचार्ज
- बिल जमा करने हेतु बिजली कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं
- ऑटोमैटिक बिलिंग फीचर से लैस स्मार्ट मीटर में एरर फ्री बिलिंग
- स्मार्ट मीटर द्वारा लिए गए नए कनेक्शन में सिक्योरिटी डिपॉजिट की आवश्यकता नहीं। पूर्व में लिया गया सिक्योरिटी डिपॉजिट उपभोक्ता के प्रीपेड बैलेंस से एडजस्ट कर दिया जाता है
- पूर्व के बकाए को आसान दैनिक किस्तों में जमा करने की सुविधा
- स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के उपरांत 6 महीने की अवधि तक स्वीकृत भार से अधिक दर्ज होने पर पेनाल्टी नहीं लिया जाएगा। उपभोक्ता अपनी खपत के अनुसार अपना लोड बढ़ा सकते हैं।
- उपभोक्ता द्वारा ग्रिड कनेक्टेड सोलर पैनल इंस्टॉल करने की स्थिति में स्मार्ट प्रीपेड मीटर बदल कर अलग मीटर लगाने की जरूरत नहीं है।